ram naam bhakti

‘‘श्रीरामनाम’’ महिमा। ‘श्रीरामनाम से महापूरण।’

भगवान् श्रीराम जी लंका विजय करके श्री अवध धाम में पधार चुके हैं। उनका राज्याभिषेक हो चुका है। प्रतिदिन प्रातःकाल हनुमान् जी युगल सरकार के श्रीचरणों में साष्टांग दण्डवत् प्रणाम…

श्रीहनुमान जी को सम्पाति द्वारा माता सीता का पता लगने पर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। अद्भुद प्रसंग।

श्रीजनकनन्दिनी की खोज में वानर-भालू लगे हुये थे। अत्यधिक श्रम के साथ खोज करने पर भी दशानन या श्रीसीताजी का कहीं पता ही नहीं चल पा रहा था। थके हुए…

गुजरात प्रान्त के 9 चमत्कारी श्रीहनुमान मन्दिर।

1. श्री कष्टभंजन हनुमानजी, सारंगपुर। 2. श्री साभ्रमती हनुमानजी, अहमदाबाद। 3. श्री खाण्डनिया हनुमानजी, सूरत। 4. श्री हनुमानधारा, गिरनार, जूनागढ़। 5. श्री एकादशमुखी हनुमानजी, पोरबंदर। 6. श्री दाण्डिया हनुमानजी, जामनगर।…

माता सीता के ठिकाने का पता लगाने जाते समय हनुमानजी ने प्रभु को हृदय में बिठाकर श्रीराम नाम जप करते हुए लंका के लिये प्रस्थान किया था।

मृगचर्म और जटा-मुकुट से सुशोभित सजल-जलद-वपु भगवान् श्रीराम गुफा के द्वार पर एक शिला खण्ड पर बैठे उदास मन से पक्षियों को देख रहे थे। दूर से शन्तमूर्ति श्रीरघुनाथजी का…

‘रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि’

अध्यात्म से यदि कोई व्यक्ति थोड़ा सा भी जुड़ा है तो उसने उपरोक्त श्लोक की पंक्ति को जरूर पढ़ा या सुना होगा। श्रीरामचरित मानस का यह श्लोक अद्वितीय है। सम्पूर्ण…

श्रीहनुमानजी द्वारा सुग्रीव को सत्यपरामर्श-दान।

भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ अपनी प्राणप्रिया जनकदुलारी की चिन्ता करते हुऐ प्रवर्षणगिरि पर वार्षाके दिन व्यतीत करने लगे और कपिराज सुग्रीव धन-सम्पत्ति, राज्य एवं अपनी पत्नी रूमा…

श्रीराम-लक्ष्मण व हनुमानजी का प्रथम मिलन!अदभुद प्रसंग।

पिताकी आज्ञा का पालन करने के लिये दशरथनन्दन श्रीराम अपनी सती सहधर्मिणी जनकनन्दिनी और अनुज लक्ष्मण के साथ वन में गये। वे चित्रकूट और दण्डकारण्य में तेरह वर्षो तक ऋषियों-महर्षियों…

मंगल-मूरति मारूत-नन्दन

श्रीहनुमानजी के प्रति शंकाओं का स्पष्ट समाधान प्रमाणिक उदाहरण सहित । श्रीहनुमानजी के प्रति इस धरा में कई प्रकार की भ्रामक शंकायें अन्जान लोंगों द्वारा उत्पन्न कर दी गयीं। इन…

मूर्ति-कला में श्री हनुमान का संकटमोचक रूप

श्रीराम के अनन्य भक्त के रूप में श्रीहनुमानजी का नाम प्रख्यात है। अत्याचार के प्रतिनिधि रावण तथा उसके सयोगियों के दमन में श्री हनुमानजी ने निस्संदेह अतुलित बल का परिचय…

विश्वास के स्वरूप श्रीहनुमानजी

हमारे भारत के छोटे-से छोटे और बड़े-से-बड़े, किसी भी नगर में आप जायेंगे तो वहाँ आपको कहीं-न-कहीं श्रीहनुमानजी का मन्दिर अवश्य देखने को मिल जायगा। स्थान-स्थान पर साधकगण ‘श्रीहनुमानचालीसा’ का…