hanuman ji ki veerta

श्रीहनुमानजी का समुद्रोल्लंघन और लंका में प्रवेश।

श्रीहनुमान जी महाराज एवं वानर भालुओं को गृध्रराज सम्पाति के द्वारा श्री जनकदुलारी जानकी माता का पता लग जाने पर वानर-भालुओं का विशाल समुदाय हर्षातिरेक से उछलने-कूदने लगा; किंतु जब…

श्रीरामनाम महिमा! रोम-रोम में बसे श्रीराम।

भगवान् मर्यादा पुरूतोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक सम्पन्न हो रहा था। इसलिए राजाधिराज अयोध्या सम्राट को सब माण्डलिक नरेश अपनी भेंटें समर्पित कर रहे थे। विभीषण जी ने भी बड़े प्रेम…

श्रीहनुमान जी को सम्पाति द्वारा माता सीता का पता लगने पर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। अद्भुद प्रसंग।

श्रीजनकनन्दिनी की खोज में वानर-भालू लगे हुये थे। अत्यधिक श्रम के साथ खोज करने पर भी दशानन या श्रीसीताजी का कहीं पता ही नहीं चल पा रहा था। थके हुए…

माता सीता के ठिकाने का पता लगाने जाते समय हनुमानजी ने प्रभु को हृदय में बिठाकर श्रीराम नाम जप करते हुए लंका के लिये प्रस्थान किया था।

मृगचर्म और जटा-मुकुट से सुशोभित सजल-जलद-वपु भगवान् श्रीराम गुफा के द्वार पर एक शिला खण्ड पर बैठे उदास मन से पक्षियों को देख रहे थे। दूर से शन्तमूर्ति श्रीरघुनाथजी का…

‘रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि’

अध्यात्म से यदि कोई व्यक्ति थोड़ा सा भी जुड़ा है तो उसने उपरोक्त श्लोक की पंक्ति को जरूर पढ़ा या सुना होगा। श्रीरामचरित मानस का यह श्लोक अद्वितीय है। सम्पूर्ण…

मूर्ति-कला में श्री हनुमान का संकटमोचक रूप

श्रीराम के अनन्य भक्त के रूप में श्रीहनुमानजी का नाम प्रख्यात है। अत्याचार के प्रतिनिधि रावण तथा उसके सयोगियों के दमन में श्री हनुमानजी ने निस्संदेह अतुलित बल का परिचय…

विश्वास के स्वरूप श्रीहनुमानजी

हमारे भारत के छोटे-से छोटे और बड़े-से-बड़े, किसी भी नगर में आप जायेंगे तो वहाँ आपको कहीं-न-कहीं श्रीहनुमानजी का मन्दिर अवश्य देखने को मिल जायगा। स्थान-स्थान पर साधकगण ‘श्रीहनुमानचालीसा’ का…

श्रीहनुमान जी को मातृ-शिक्षा व सूर्यदेव से शिक्षा प्राप्ति ।

मातृ-शिक्षा से ही-बालक पर सर्वाधिक प्रभाब पड़ता है- बालक पर सर्वाधिक प्रभाब पड़ता है-माता के जीवन एवं उसकी शिक्षा का। आदर्श माताएँ अपने पुत्र को श्रेष्ठ एवं आदर्श बना देती…

हनुमान जी की वीरता

(1) ‘रामकी कृपासे पार उदधि अपार हुआ,दर्शसे तुम्हारे अम्ब! जीवन सफल ये।दानवों सहित नष्ट-भ्रष्ट कर दूॅं, जो कहोपस्त कर दूॅं, मैं अभी लंकाके महल ये।भूख भी लगी है, जाश रोष…